जगनायक चंद्रशेखर सिंह : युवातुर्क के उपनाम से लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री की जीवनगाथा,

पूरा नाम : चंद्रशेखर सिंह
उपनाम : युवातुर्क
जन्म : 1जुलाई 1927 प्रमाणपत्र पर आधारित
जिलाधिकारी बलिया द्वारा प्रमाणित : 17अप्रैल 1927
जन्म भूमि : उत्तर प्रदेश,जिला बलिया,ग्राम इब्राहीमपट्टी
मृत्यु : 8 जुलाई2007
मृत्यु स्थान : नई दिल्ली
मृत्यु कारण : प्लाज्मा कैंसर
पत्नी : दूजा देवी
संतान : दो पुत्र,पंकज और नीरज
नागरिकता : भारतीय
प्रसिद्धि : उन्हें आग उगलते क्रांतिकारी विचारों के कारण जाना जाता है।
पद : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री।
कार्य काल : 10 नवम्बर, 1990- 21 जून, 1991
शिक्षा : राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर
विद्यालय : इलाहाबाद विश्वविद्यालय
भाषा : हिन्दी, अंग्रेज़ी
जेल यात्रा : जून, 1975 में आपातकाल की घोषणा के बाद जेल यात्रा की।
पुरस्कार : उपाधि 1955 में योग्य सांसद का प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया।
रचनाएँ : चंद्रशेखर ने 1969 में दिल्ली से प्रकाशित साप्ताहिक पत्रिका 'यंग इंडियन' शुरू की, लेकिन स्पष्टवादी लेखों के कारण आपातकाल के दौरान पत्रिका पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

🎯जीवनवृत्त :-

उनका जन्म १९२७ में पूर्वी उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के इब्राहिमपट्टी का एक कृषक परिवार में हुआ था। इनकी स्कूली शिक्षा भीमपुरा के राम करन इण्टर कॉलेज में हुई। उन्होंने एम ए डिग्री इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया। उन्हें विद्यार्थी राजनीति में एक "फायरब्रान्ड" के नाम से जाना जाता था। विद्यार्थी जीवन के पश्चात वह समाजवादी राजनीति में सक्रिय हुए।

🎯राजनैतिक जीवन :
१९६२ से १९६७ तक वह भारत के ऊपरी सदन राज्य सभा के सदस्य थे। उन्होंने १९८४ में भारत की पदयात्रा की, जिससे उन्होंने भारत को अच्छी तरह से समझने की कोशिश की। इस पदयात्रा से इन्दिरा गांधी को थोड़ी घबराहट हुई। सन 1977 मे जब जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्होने मंत्री पद न लेकर जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद लिता था।

उन्होंने पहले का नेता विश्वनाथ प्रताप सिंह के राजीनामा के बाद जनता दल से कुछ नेता लेकर समाजवादी जनता पार्टी स्थापना की। उनकी सरकार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने चुनाव ना करने के लिए समर्थन करने के बाद उनका छोटा बहुमत का सरकार बन गया। उन का कांग्रेस से सम्बन्ध बाद मे कांग्रेस ने उनको नेता राजीव गांधी का सुराकी करने के आरोप के कारण से बदल गया।

कांग्रेस ने उनके सरकार को सहयोग नकारने के बाद उन्होंने ६० सांसद के समर्थन के साथ इस्तीफा घोषणा कर दी।

प्रधान मन्त्री के पद में ७ महीने तक रहे चन्द्रशेखर मार्च ६, १९९१ में राजीनामा किया। उन्होंने लेकिन राष्ट्रीय चुनाव तक प्रधानमन्त्री का पद संभाला। चन्द्रशेखर उनके संसदीय वार्तालाप के लिए बहुत चर्चित थे। उन्हें १९९५ में आउटस्टैण्डिंग पार्लिमेन्टेरियन अवार्ड भी मिला था।

चन्द्र शेखर भारत के निचले सदन लोक सभा के सदस्य थे। उन्होंने यहाँ समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) का नेतृत्व किया था। १९७७ से उन्होंने लोक सभा की निर्वाचन ८ बार उत्तर प्रदेश के बलिया क्षेत्र से जीता था। सन १९८४ मे इन्दिरा गांधी की हत्या से उपजे आक्रोश के कारण एक बार चुनाव हारे थे

🎯मृत्यु :-

शेखरजी को मल्टिपल मायलोमा, एक प्रकार का प्लाज्मा कोष कैंसर हुआ था। ३ मई, २००७ को उनको इस रोग के इलाज हेतु गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती किया गया। उनकी अवस्था बिगड़ती गयी और आखिर में जुलाई ८ में नई दिल्ली में अस्पताल में उनका देहावसान हो गया

जगनायक चंद्रशेखर सिंह : युवातुर्क के उपनाम से लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री की जीवनगाथा, Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Editor